Friday, 1 March 2013

मॉग की सिन्दूर रेखा (Mang Ki Sindoor Rekha)


मॉग की सिन्दूर रेखा तुमसे ये पूछेगी कल,
यूं मुझे सर पर सजाने का तुम्हें अधिकार क्या है।
तुम कहोगी वो समर्पण बचपना था तो कहेगी,
गर वो सब कुछ बचपना था तो कहो फिर प्यार क्या है। — 2

कल कोई अल्हड़ अयाना बाबरा झोंका पवन का,
जब तुम्हारे इंगितों पर गन्ध भर देगा चमन में
या कोई चंदा धरा का रूप का मारा वेचारा,
कल्पना के तार से नक्षत्र जड देगा गगन पर
तब यही विछुये, महावर, चुडियां, गजरे कहेंगे,
इस अमर सौभाग्य के श्रंगार का अधिकार क्या है।
मॉग की सिन्दूर रेखा तुमसे ये पूछेगी कल,
यूं मुझे सर पर सजाने का तुम्हें अधिकार क्या है।
तुम कहोगी वो समर्पण बचपना था तो कहेगी,
गर वो सब कुछ बचपना था तो कहो फिर प्यार क्या है।

कल कोई दिनकर विजय का सेहरा सर पर सजाये,
जब तुम्हारी सप्तवर्णी छांव में सोने चलेगा
या कोई हारा थका व्याकुल सिपाही तुम्हारे,
वक्ष पर धर सीस हिचकियां रोने लगेगा
तब किसी तन पर कसीं दो बांह जुड कर पूछ लेंगी,
इस प्रणय जीवन समर में जीत क्या है हार क्या है।
मॉग की सिन्दूर रेखा तुमसे ये पूछेगी कल,
यूं मुझे सर पर सजाने का तुम्हें अधिकार क्या है।
तुम कहोगी वो समर्पण बचपना था तो कहेगी,
गर वो सब कुछ बचपना था तो कहो फिर प्यार क्या है।

— डा0 कुमार विश्वास (Dr. Kumar Vishwas)

26 comments:

  1. सर बहुत अच्छी कविता है,और शायद यह सभी के जीवन से जुड़ी कहानी की तरह है क्योंकि मे ऐसा इसलिए कह रहा हूँ कि यह मेरे साथ सब गुजर चुका हू ।
    Jai ho!

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    1. Shi kaha mere Yar,,,, Safr kisi aur ke sath Tay hota ha, humsafr koi aur hota ha

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    2. This isn't the full poem , some great lines are missing, must listen on youtube

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  2. Great poem sir, this is the definition of true love and affection. The flow and way of delivering of feeling of love is awesome. This is my favorite poem sir, simply you are great sir...

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  3. गज़ब की कविता मन मंत्र मुग्ध हो गया

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  4. Verry nice
    Deep msg to all lovers

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  5. Great poem sir, this is the definition of true love and affection. The flow and way of delivering of feeling of love is awesome. This is my favorite poem sir, simply you are great sir...

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  6. यह केवल कुमार विश्वास लिख सकते हैं...
    वाह सर वाह..

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  7. Amazing. Please help translate to really understand and enjoy this poem.

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  8. Very nice poem and i just loved it

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  9. शायद एक पंक्ती त्रूटीवश छूट गई हैं -
    तब किसी आशिष का आँचल मचल कर पुछ लेगा ,
    यह नयन विनिमय अगर हैं प्यार तो, व्यापार क्या हैं?

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  10. डॉ साहब अद्भूत रचना है मेरे जीवन में भी यही हुआ है

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  11. Har sabd dil ko choo lete h
    Aaj kal ke log to sari galati ladki PR thopte h aur galiya dete h

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  12. Hmare sabd aapne likh diye...❤️❤️

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  13. Please help translate this great poem.
    What is सप्तवर्णी means?

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  14. This is very difficult to understand:
    कल कोई दिनकर विजय का सेहरा सर पर सजाये,
    जब तुम्हारी सप्तवर्णी छांव में सोने चलेगा
    या कोई हारा थका व्याकुल सिपाही तुम्हारे,
    वक्ष पर धर सीस हिचकियां रोने लगेगा
    .......

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  15. This isn't the complete poem, it goes like, कल कोई अल्हड़ अयाना बावरा झोका पवन का जब तुम्हारे इंगितों पर गंध भर देगा चमन में या कोई चंद धारा का रूप का मारा बेचारा कल्पना के तार से नक्षत्र जड़ देगा गगन में टैब किसी आशीष क आँचल मचल कर पुछलेगा यह नयन विनिमय अगर है प्यार तो व्यापार क्या है, मांग की...... कल तुम्हारे गंधवाहि केश उड़कर जब किसी की आंख को उल्लास का आकाश कर देंगे कहीं पर और सासों के मलेवाहि झकोरे मुझ सरीखे नव तरु को सावनी वातास कर देंगे वहीं पर टैब यही बिछुए महावर चुडिया गजरे कहेंगे, इस अमर सौभाग्य के श्रृंगार का आधार क्या है,, you must edit it to correct poem.

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