A True condition of Metro Cities...............
राम इस दौर का वुढापे का सहारा बनें, रहती है बस यही आश दशरथ को
और तृष्णा की मंथरा दरार डाल दे न कहीं, सालता है यही एकसास दशरथ को
लाडलों ने जाने कैसा फरमान रख दिया, आज फिर देखा है उदास दशरथ को
राम को मिला था बनवास युग बीत गये, रोज मिलता है बनवास दशरथ को
- कवि चरन (Kavi Charan)
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