Friday, 25 January 2013

पूनम के चन्द्रमा की भांति मुख पर चमक


पूनम के चन्द्रमा की भांति मुख पर चमक,
ज्योतसना भी गोरा रंग देख के लजाई है।
सावन के मेघों के समान काली केश राशि,
आंखों में अपार सिन्धु सम गहराई है।
कमल से कोमल गुलाबी अधरों के वीच,
चुपके से मृदु मुस्कान इठलाई है।
बन के उड़े चकोर मन मोर उसी ओर,
चित चोर जब से वह उर में समाई है।

—श्री देवल आशीष जी, कवि श्रंगार

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