आज हम दोंनों को फुर्सत है चलो इश्क करें
इश्क दोंनों की जरूरत है चलो इश्क करें
इसमें नुकसान का खतरा ही नहीं रहता है
ये मुनाफे की फिजारत है चलो इश्क करे
आप हिन्दु में मुसलमान ये ईसाई वो सिख
यार छोड़ो ये सियासत है चलो इश्क करें......
जाके ये कह दे कोई शोलों से चिंगारी से
फूल इस बार खिले है बड़ी तैयारी से
वादशाहों से भी फेंके हुये सिक्के न लिये
हमने खैरात भी मांगी है तो खुददारी से
- साभार राहत इन्दौरी साहब
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